केंद्र और राज्य सरकार पर फिर बरसा सुप्रीम कोर्ट, पूछा- ताजमहल की सुरक्षा के लिए कौन है जिम्मेदार?

ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में शामिल आगरा के ताजमहल के संरक्षण और मरम्मत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर राज्य और केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने ताज ट्रैपेज़ियम जोन के संबंध में ड्राफ्ट विजन दस्तावेज दाखिल को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को निंदा करते हुए कहा कि आप ड्राफ्ट क्यों पेश कर रहे हैं, क्या इसमें फिर से संशोधन करेंगे? सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस लोकुर ने कहा 'इसके लिए एक प्राधिकरण 

(अथॉरिटी) होना चाहिए जो जिम्मेदारी संभाले। ऐसा लगता है जैसे अधिकारियों ने ताज से हाथ धो दिया है। हम ऐसी स्थिति में हैं जहां एएसआई की भागीदारी के बिना हमने एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है।' कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि कोर्ट को यह बताया जाए कि ताजमहल की सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है?

 सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के रखरखाव और ताज ट्रैपेज़ियम क्षेत्र के पुनर्विकास के लिए अधिकारियों और प्राधिकरणों (अथॉरिटियों) को नियुक्त करने का केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि या तो हम ताजमहल को बंद कर देंगे या फिर आप इसे ढहा दें। 

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे उपायों का भी जिक्र करते हुए केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को सुस्त बताया था। न्यायाधीश ने ताजमहल की तुलना एफिल टॉवर से करते हुए कहा था कि करीब 80 मिलियन लोग इसे देखने जाते हैं, जो एक टीवी टॉवर के जैसा दिखता है, जबकि ताजमहल के लिए मिलियन। आप लोग ताजमहल की देखभाल को लेकर गंभीर नहीं है और न ही आपको इसकी परवाह है। ताजमहल इससे भी ज्यादा सुंदर है।

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