ताजमहल की देखरेख मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, कहा- तमाशा और कॉमेडी शो बना दिया है
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ताजमहल की भव्यता बहाल करने में नाकाम रहने पर केन्द्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और ताज ट्रैपेजियम जोन (टीटीजेड) प्राधिकरण की निंदा की और सवाल किया कि अगर यूनेस्को संगमरमर के इस स्मारक से विश्व धरोहर स्थल का दर्जा वापस ले ले तो क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की सुरक्षा और संरक्षण के लिये दृष्टिपत्र का मसौदा दाखिल करने पर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया और ‘आश्चर्य’ जताया कि दृष्टिपत्र का मसौदा तैयार करते समय इस विश्व धरोहर के संरक्षण के लिये जिम्मेदार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से कोई परामर्श नहीं किया गया.
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि टीटीजेड क्षेत्र में प्रदूषण करने वाले 1167 उद्योग धंधे चल रहे हैं. पीठ ने कहा कि 1996 में शीर्ष अदालत के एक आदेश के बाद गठित टीटीजेड प्राधिकरण ‘फ्लॉप ’ रहा है और ऐसा लगता है कि इस मामले में ‘तमाशा’ हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि आपके पास एक कॉमेडी चैनल होना चाहिए. ताज ट्रैपेजियम जोन करीब 10,400 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसके दायरे में उप्र के आगरा , फिरोजाबाद , मथुरा , हाथरस और एटा तथा राजस्थान का भरतपुर जिला शामिल है.
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि टीटीजेड क्षेत्र में प्रदूषण करने वाले 1167 उद्योग धंधे चल रहे हैं. पीठ ने कहा कि 1996 में शीर्ष अदालत के एक आदेश के बाद गठित टीटीजेड प्राधिकरण ‘फ्लॉप ’ रहा है और ऐसा लगता है कि इस मामले में ‘तमाशा’ हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि आपके पास एक कॉमेडी चैनल होना चाहिए. ताज ट्रैपेजियम जोन करीब 10,400 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसके दायरे में उप्र के आगरा , फिरोजाबाद , मथुरा , हाथरस और एटा तथा राजस्थान का भरतपुर जिला शामिल है.
Comments
Post a Comment